जो कभी कही नहीं, पर सुनी हर बार लगी,
चाहतें सिमटी हुई, पर बिखरी हर बार लगी।
यादें हैं, बारिश की बूंद, गिरी नहीं, पर बरसती रही।
ख़ामोश सी कोई धुन, गूँजी नहीं, पर बजती रही।
यूँ तो सोए है हम बरसो तलक आँख तुमसे मिली तो पहली बार लगी
(Chorus – The Haunting Punchline)
जो कभी कही नहीं, पर सुनी हर बार लगी,
चाहतें सिमटी हुई, पर बिखरी हर बार लगी।
याद आई कभी तो लगा पहली बार मिली, वक़्त रुक सा गया, घड़ी चलती रही।
ख़ामोश सी कोई धुन, गूँजी नहीं, पर बजती रही।
दिल धड़का था बरसों तलक, साँस तुमसे मिली तो पहली बार लगी।
(Chorus – The Haunting Punchline)
जो कभी कही नहीं, पर सुनी हर बार लगी,
चाहतें सिमटी हुई, पर बिखरी हर बार लगी।
जो कभी कही नहीं, पर सुनी हर बार लगी,
चाहतें सिमटी हुई, पर बिखरी हर बार लगी।
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