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Rishabh Patait Posts

कर्तव्य का संघर्ष: घर की पुकार और देश का प्यार (The Conflict of Duty: Home’s Call and Love for Country)

।। मैं ज़रूर घर आऊंगा ।। घन घोर अंधेरा छाया है, मौत ने तांडव मचाया है। तेरी लाल हुई ये काया है, हमने भी शंख बजाया है।।१ डग मग डग…

“आँसूओं में डूबा जीवन: मृत्यु की पीड़ा का सजीव चित्रण” (Life Drenched in Tears: A Vivid Depiction of the Pain during COVID – 19 pandemic)

।। मैंने देखा है ।। मैंने चंद लम्हों में सब कुछ खोते देखा है, आज मैंने पत्थर को भी रोते देखा है। मैंने दुःखों में अपनो को छुपते देखा है,…

“भारत: स्वर्णिम युग से वर्तमान तक” (India: From Golden Age to Present: A Journey Through History and Culture ।। A Legacy from the Golden Age, Shaping the Present)

।। नमन ।। Naman कहानियों में सुना था मैंने एक देश जो बसा यहाँ,सोने की चिड़ीया उड़ती थी हाथी घोड़े यहाँ वहाँ।ताज हिमालय बना हुआ अंबुधि आसान है यहाँ,वामांग में…